Shikha Arora

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लेखनी कहानी -05-Dec-2021- मन सुंदर तो जग सुंदर

बंदे मन जो तेरा होगा सुंदर , 
जग भी लगेगा तुझको सुंदर ,
चंदन सा बनकर जो महकेगा तू, 
खिलेगा तू भी फूलों सा सुंदर |

कस्तूरी के लिए वन वन में फिरे ,
मृगछाल पहने गहरे जंगल में घिरे, 
काहे को बंदे तू पतन में जाए ,
मोह में पड़कर काहे को तू गिरे |

मोह माया वैर भाव सब छोड़ दे ,
दुश्मनों का तू तो मन भी मोड़ दे ,
अपनी निश्चल हंसी से मनमोहना ,
तू तो यहांँ पूरी दुनिया को होड़ दे |

इत्र की महक फैलती चहुँ ओर ,
मन की कसक रहे न किसी छोर, 
जिंदगी में भी हो जाए उजियारा, 
फैले लालिमा सूरज उगे जब भोर |

आसमान भी झुक जाएगा सामने तेरे
मधुशाला में जो तू न यहाँ मन को घेरे
नजर तू अपनी सब पर रखना अच्छी , 
व्यवहार में तू न लगाना किसी के फेरे |

पीड़ित की पीड़ा को जो हर लेगा, 
कड़वाहट छोड़ दूसरे का साथ देगा, 
व्यवहार में तू अपने रखेगा नरमी, 
ख्वाब सारे तभी ईश्वर पूरे करेगा ||


शिखा अरोरा (०दिल्ली) 

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5 Comments

रतन कुमार

10-Dec-2021 02:23 AM

Bahut sundar

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Zeba Islam

06-Dec-2021 10:17 AM

Nice

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Swati chourasia

05-Dec-2021 08:17 PM

वाह बहुत सुंदर रचना👌

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